वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज :-अशोका फोम फैक्टरी में आग की घटना के बाद लोगों ने अन्य शव भी मलबे में दबे होने की आशंका जताई। अफसरों से कहा कि साहब लाशें निकलवा दो। आप लोगों के जाने के बाद प्रबंधन के लोग उन्हें अंदर घुसने भी नहीं देंगे।
बरेली के फरीदपुर क्षेत्र में अशोका फोम फैक्टरी में बुधवार रात भीषण आग लगने से चार कर्मचारियों की जलकर मौत हो गई। दो शव मिलने के बाद अन्य शवों के होने की आशंका देखकर ग्रामीणों का सब्र जवाब दे गया। उन्होंने जमकर हंगामा किया। देर रात डीएम और एसएसपी मौके पर निरीक्षण करने पहुंचे तो ग्रामीणों ने उन्हें रोक लिया। दुश्वारी बताई तो एसएसपी ने सीओ को फैक्टरी में मलबा हटवाकर शवों के होने की स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया।
डीएम शिवाकांत द्विवेदी और एसएसपी प्रभाकर चौधरी रात 11 बजे करीब फोम फैक्टरी परिसर में अग्निकांड का हाल देखने पहुंचे। वहां उन्होंने प्रबंधन के लोगों व ग्रामीणों से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। मृतकों के परिवार ने फैक्टरी प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए। कहा कि लगभग हर साल यहां आग लगती है। मजदूर मरते और घायल होते हैं, लेकिन फैक्टरी प्रबंधक को इससे फर्क नहीं पड़ता।
लोगों ने अन्य शव भी मलबे में दबे होने की आशंका जताई। अधिकारियों से कहा कि आप लोगों के जाने के बाद सुबह प्रबंधन के लोग उन्हें अंदर घुसने भी नहीं देंगे। एसएसपी ने आश्वासन दिया कि ऐसा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि पीड़ित पक्ष की तहरीर के मुताबिक रिपोर्ट लिख ली जाएगी। उन्होंने सीओ फरीदपुर को निर्देश दिए कि पूरा मलबा दिखवाकर यह सुनिश्चित करके जाएं कि अंदर कोई और शव तो नहीं है।
तकनीकी जांच के दिए निर्देश
आग की घटना के बाद सीएफओ चंद्रमोहन शर्मा, एफएसओ संजीव यादव समेत अग्निशमन विभाग के कई अधिकारी मौके पर पहुंच गए। डीएम और एसएसपी ने इनसे जानकारी ली, साथ ही अग्निकांड की तकनीकी जांच के निर्देश दिए। एक से दो दिन में स्थिति स्पष्ट होने की बात कही जा रही है। लापरवाही की स्थिति मिली तो प्रबंधन पर भी कार्रवाई हो सकती है।
गुस्सा देख प्रबंधन को पुलिस ने हटाया
अग्निकांड के बाद लोगों के शव निकलने लगे तो ग्रामीणों का गुस्सा और बढ़ गया। इस बीच परिसर में मौजूद प्रबंधन से जुड़े लोग उनके निशाने पर आ गए। ग्रामीणों का गुस्सा भांपकर पुलिस ने प्रबंधन से जुड़े लोगों को मौके से हटा दिया। फैक्टरी प्रबंधन से जुड़े नीरज गोयल देर रात मलबे में शव तलाश करा रहे थे। उन्होंने बताया कि घटना किस तरह हुई, वह नहीं जानते। फिलहाल बचाव कार्य प्राथमिकता है, प्रबंधन की सहानुभूति मजदूरों व परिवारों के साथ है।